“पृथ्वी वो है जो हम सभी के पास एक जैसी है।”
22 अप्रैल पृथ्वा दिवस पर एक संकल्प पृथ्वी की सुन्दरता को बरकरार रखने के लिए- आप, मैं और हम सभी की ओर से।
हमारी पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत ही आवश्यक है। भगवान द्वारा बनाई गई सबसे अच्छी चीज इंसान माना जाता है। लेकिन इंसान ही अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इंसान को जीवन दिया, आज वो उसी धरती को अंत की ओर ले जा रहे हैं।
उत्तरी ध्रुव की बर्फ़ का पिघलना, ओज़ोन परत में छेद होना, भयंकर तूफ़ान, सुनामी और भी कई प्राकृतिक आपदाओं का होना, जो भी हो रहा है इन सबके लिए इंसान ही ज़िम्मेदार हैं। ग्लोबल वार्मिंग के रूप में हमारे सामने एक भयंकर आपदा इंतज़ार कर रही हैं।
ये आपदाएँ पृथ्वी पर ऐसे ही होती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी से जीव-जन्तु व वनस्पति का अस्तिव ही समाप्त हो जाएगा।
जीव-जन्तु अंधे हो जाएंगे। लोगों की त्वचा झुलसने लगेगी और कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ जाएगी। समुद्र का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके चपेट में आ जाएंगे। अपनी धरती प्यारी पृथ्वी, विवधताओं का भण्डार, इसके महत्व के लिए हर किसी को जागरूक करने,
और पृथ्वी को बचाने के लिए किसी भी तरह का कदम बढ़ाने के लिए 22 अप्रैल पृथ्वी दिवस (Earth Day) के रूप में मनाया जाता है।
इंसान के रहन-सहन में लगातार आ रहे बदलाव व जीवन यापन के लिए बढ़ता औद्योगिकीकरण से दिनों-दिन प्रकृति का क्षरण हो रहा है। पृथ्वी की सुन्दरता को बचाए रखने के लिए लोगों को जागरुक करने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया।
आज के दिन से हमें भी संकल्प लेना चाहिए और कोई एक कदम ऐसा बढ़ाना चाहिए जिससे हमारी पृथ्वी की सुन्दरता में सिर्फ बढ़ोतरी हो कभी भी कमी ना आये।
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डॉ. आर. के. अग्रवाल – “हम रखते हैं आपकी सेहत का ख़्याल नेचुरल अंदाज़ से नेचुरल इलाज़ से।“